2014 के चुनाव में 20 उम्मीदवारों ने 6.40 करोड़ रुपए किए थे खर्च
एनडीए और यूपीए के लिए 2014 में लोकसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों में से 20 नेता फिर मैदान में हैं। इन 20 उम्मीदवारों ने पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचार व अन्य कार्यों पर कुल 6.40 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की थी। सबसे अधिक चुनावी खर्च हजारीबाग के भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा और सबसे कम खर्च दुमका के भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन के नाम दर्ज हैं। जयंत सिन्हा ने लगभग साढ़े 53 लाख रुपये खर्च किये जबकि सुनील सोरेन ने 19 लाख 23 हजार रुपये खर्च किये। यह खुलासा इन प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग को पिछले चुनाव में दिए गए खर्च के हिसाब से हुआ।
70 लाख है अधिकतम खर्च की सीमा: हर प्रत्याशी को चुनाव खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को देना जरूरी है। उन्हें हर दिन के खर्च का हिसाब-किताब का रिकार्ड रखना है। खर्च से संबंधित रसीद भी उन्हें रखनी है। अगर प्रत्याशी चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देगा, तो अगले चुनाव में उसे लड़ने से रोका जा सकता है। आयोग ने एक प्रत्याशी के लिए अधिकतम 70 लाख रुपये खर्च की सीमा निर्धारित की है। इसलिए चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने पिछले चुनाव के खर्च का ब्योरा आयोग को दिया है। इससे इस बार चुनाव में होने वाले खर्च का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
जयंत सिन्हा ने 53 लाख रुपये किए थे खर्च: प्रत्याशियों ने अपने खर्चे में कुछ राशि पार्टी द्वारा मिलने तो कुछ अन्य स्रोत से मदद की बात कही है। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने पिछले लोकसभा चुनाव में 53,54,656 रुपये खर्च किए थे। उन्होंने 45 लाख रुपया पार्टी से मिलने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत लोहरदगा से भाजपा के प्रत्याशी हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में 26,82,368 रुपये खर्च किए थे। इनमें 26,50,000 रुपये पार्टी से मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस के रांची से प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय ने 32,93,176 रुपये का खर्च दिखाया है। इसमें पार्टी से मिलने वाली राशि शून्य तो दूसरे स्रोत से 6,39,000 रुपये दिखाया है। झामुमो के राजमहल से प्रत्याशी विजय हांसदा ने 27,59,757 रुपये खर्च में 15,00,000 रुपये पार्टी से मिलने की बात लिखी है। झाविमो के प्रदीप यादव ने 22,50,000 पार्टी से मिलने समेत 34,71,805 रुपये का खर्च दिखाया है।
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