शरीर में कील चुभो कर भोक्ताओं ने की शिव आराधना











शिव  आराधना का पर्व चड़क पूजा धूमधाम से मनायी गयी। सोमवार को शहर के मनईटांड़ और भेलाटांड़ में चड़क पूजा पर मेला लगाया गया। शरीर पर कील चुभो कर हैरतअंगेज करनामे करते भक्तों की धुन देखते ही बनती थी। कोई पीठ पर कील चुभो कर बैलगाड़ी खींच रहा है तो कोई खूंटे से बंधे 50 फीट से भी ज्यादा की ऊंचाई पर शरीर में कील चुभो शिव को प्रसन्न करने में लगे थे। दोनों हाथों से ढाक बजाते हुए ऊंचाई पर पीठ में कील चुभो की झूलते भक्त आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। मेला में महिला-पुरुष और बच्चों की भारी भीड़ उमड़ी।












मनईटांड़ भोक्ता पूजा समिति के मदन महतो ने बताया कि बांग्ला पंचाग के अनुसार साल का पहला दिन शिव की आराधना करके उत्पाद पूर्वक मनाते हैं। इस वर्ष तीन सौ लड़कों पारण मेला में भाग लिया। नवमी तिथि को जो लोग उपवास करते हैं, वे पारण के लिए मेले में आकर शरीर में किल चुभो कर शिव की अराधना करते हैं।


जख्म को महिलाओं को छुआ है मना


भोक्ता करते हैं कि कील चुभने से उन्हें दर्द का अहसास नहीं होता। पर्व मनाने के बाद कोई अपना ईलाज भी नहीं करवाता, शिव कर कृपा से न दर्द होती है न इलाज की जरूरत होती है। हां, एक बात का विशेष ख्याल रखना होता है कि परंपरा के अनुसार अपने जख्म को किसी महिला को नहीं छूने दिया जाता। मान्यता है कि अगर महिलाओं ने जख्म को छू दिया तो पक जाएगा। फिर नीम अके पत्ते से इलाज की जरूरत होगी। कार्यक्रम सफल बनाने में मदन महतो, जयलाल महतो, रणविजय महतो, बलराम महतो, अरुण महतो, भोलू रवानी, सुरेश साव, सब्बू महतो, ओमप्रकाश महतो सराहनीय 






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